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किलिमंजारो की चोटी फतेह करने वाले दूसरे हरियाणवी बने भिवानी के वरूण
दक्षिण अफ्रीका के किलिमंजारों की चोटी पर भिवानी के वरूण ने फहराया तिरंगा

हिसार टुडे ।भिवानी
विश्व के सबसे खतरनाक खेलों में से एक पर्वतारोहण में भिवानी के पर्वतारोही वरूण ने दक्षिण अफ्रीका के किलिमंजारो पर्वतश्रेणी पर तिरंगा झंडा फहराकर प्रदेश व देश का मान बढ़ाया हैं। उनके भिवानी पहुंचने पर रेलवे स्टेशन पर ही भिवानीवासियों ने ढ़ोल नंगाड़ों व फूलों व रूपयों की मालाओं के साथ पर्वतारोही वरूण का भव्य स्वागत किया। अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी के रूप में किलिमंजारो की पहचान है, जिसकी ऊंचाई पांच हजार 895 मीटर है तथा इस चोटी पर चढऩों का सक्सेस रेट 65 प्रतिशत के लगभग रहा है।
भारत के 10 सदसीय दल के साथ सात दिन में किलिमंजारो की चोटी पर तिरंगा फहराने वाले वे प्रदेश के दूसरे पर्वतारोही है। भिवानी के निवासियों ने रेलवे जंक्शन से ही ढ़ोल नंगाड़ों के साथ पर्वतारोही वरूण महता का स्वागत शुरू किया, जिसके बाद शहर के विभिन्न चौराहों से होते हुए विजय जुलूस निकाला। वरूण ने अपने आगामी उद्देश्यों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि वे अब रशिया के एलबुश पर्वत पर तिरंगा फहराने की तैयारी कर रहे है। अप्रैल 2020 में उनका मकसद ऐवरेस्ट पर्वत पर तिरंगा फहराना हैं। इसके लिए वे अपनी तैयारियों में जुटे हुए है।
उन्होंने बताया कि ऐवरेस्ट पर जाने के लिए उन्हे खेल मंत्रालय व प्रदेश सरकार से आर्थिक मदद की आवश्यकता रहेगी, क्योंकि उन्होंने अब तक अपनी बहन से पैसे लेकर किलिमंजारो की चोटी पर तिरंगा फहराया है। वही वरूण महता की मां शशी ने बताया कि उन्हे व भिवानीवासियों को बहुत खुशी है कि उनका बेटा दक्षिण अफ्रीका के किलिमंजारो की चोटी का फतेह करके आया है। उन्होंने प्रदेश सरकार व भारत सरकार से भी अपील की है कि आगामी पर्वतारोहण अभियानों के लिए सरकार वरूण महता को आर्थिक मदद दें। इस मौके पर कांग्रेसी नेता नीलम अग्रवाल भी विशेष तौर पर मौजूद रही।