
Today News
एक तरफ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फिटनेस चैलेंज का मजाक उड़ाते हुए उन्हें पेट्रोल डीजल का दाम कम करने का चैलेंज दे चुके है। तो दूसरी तरफ उनसे दो कदम आगे चलते हुए कांग्रेस पार्टी की तरफ से भव्य बिश्नोई प्रधानमंत्री मोदी के फिटनेस चैलेंज से प्रभावित होते हुए उन्होंने हिसार के सांसद दुष्यंत चौटाला को ही फिटनेस चैलेंज दे दिया। भव्य खुद को हिसार लोकसभा सीट के लिए बतौर कांग्रेस पार्टी सांसद प्रत्याशी के तौर पर पेश करने में जुटे है।
भव्य बिश्नोई इस बात से अच्छी तरह वाकिफ है कि उनके सामने सबसे मजबूत उम्मीदवार है अगर कोई है तो एकमात्र इनेलो पार्टी नेता सांसद दुष्यंत चौटाला। इसीलिए अगर सुर्खियों में आना है तो दुष्यंत चौटाला का नाम लेते ही सियासत गर्माना लाजमी ही है। यही कारण है की भव्य ने दुष्यंत चौटाला को फिटनेस चैलेंज दे दिया है। राजकीय पंडितो का मानना है की भव्य अपनी प्रसिद्धि के लिए ही इस प्रकार के हथकंडे आजमा रहे है। हालांकि दुष्यंत चौटाला भव्य बिश्नोई को गिनती में ही नहीं लेते।
भव्य में अभी भी बचपना है

भव्य अभी बच्चा है उसे तो कोई जानता ही नहीं।उसके साथ तो हमारी सहानुभूति है। भव्य तो १० कार्यकर्ता भी नहीं जुटा सकता। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के सामने तो भव्य और उनके पिता कुलदीप बिश्नोई शून्य है। आज स्वर्गीय चौधरी भजनलाल के नाम की दुहाई देकर ये परिवार अपनी बची कूची राजनीती चला रहे है। कुलदीप बिश्नोई ने अपने दादी और मां को प्यार नहीं दिया, उनका बेटा क्या जनता को प्यार देगा। कुलदीप बिश्नोई और रेणुका बिश्नोई ने इतने सालो में जनता के लिए क्या किया यह तो विधानसभा में उनकी उपस्थिति ही बता रही है। सबसे कम उपस्थिति व सबसे कम सवाल का रिकॉर्ड भी उन्ही के नाम दर्ज है। भव्य में अभी बचपना दिखा रहा है, जबकि इन्हे न कोई जनता है, न पहचानता है, हालत तो यह है की आदमपुर सीट पर आने वाले समय में भाजपा की जीत होगी।
भव्य का फिटनेस चैलेंज मजाकिया, उसे तो हिसार क्षेत्र का ही भौगोलिक ज्ञान नहीं

भव्य के फिटनेस चैलेंज की बात बेहद मजाकिया है। भव्य को तो हिसार क्षेत्र का ही भौगोलिक ज्ञान नहीं। अगर भव्य से २० गांव के नाम पूछा जाए तो वह वो भी नहीं बता पायेगा। भव्य क्या दुष्यंत जी को फिटनेस चैलेंज दे रहे है, उल्टा उसे सांसद दुष्यंत चौटाला से ही फिट होने का मंत्रा सीखना चाहिए। दुष्यंत चौटाला ऐसे व्यक्ति है जिन्होंने सदन में जनता के कई प्रश्न उठाये है। वो अपने कार्यो के बल पर हमेशा लोकप्रिय रहे है। उल्टा भव्य को उनसे सीखना चाहिए की ४ साल में दुष्यंत जी ने कैसे जनहित कार्य किया है।
यह राजनीती का मैदान है खेल का नहीं

कुलदीप बिश्नोई बच्चो वाला खेल खेलते है। कांग्रेस बौखला चुकी है इसलिए भव्य बिश्नोई जैसे नए लोगो को ला रही है। हरियाणा प्रदेश का कोई भी व्यक्ति भव्य को बिलकुल भी मान्यता नहीं देगा। भव्य बिश्नोई दुष्यंत चौटाला को फिटनेस चैलेंज दे रहे है। उसको समझता है की यह राजीनीति का मैदान है कोई खेल का मैदान नहीं। राजनीित को वो बच्चो का खेल समझकर न घुसे।
खबरों में आने का राजनितिक स्टंट

भव्य मीडिया में रहने के लिए ही राजनितिक स्टंटबाजी कर रहा है। कांग्रेस हमेशा परिवारवाद को बढ़ावा देती है और भव्य को जिस प्रकार से सांसद प्रत्याशी के तौर पर सामने लाया जा रहा है वह कही न कही परिवारवाद को बढ़ावा दे रहा है। कौन है भव्य बिश्नोई ? कौन उसको जानता है ? इनकी पहचान तो भजनलाल के नाम से है। भव्य को मैं कहना चाहूंगा की ऐसा काम करो की जनता पहचाने। ऐसा कौन सा तीर चलाया है भव्य ने जो उन्हें कोई याद रखे।
भव्य की अभी पढ़ने लिखने की उम्र है, राजनीति की नहीं

भव्य की तो पढ़ने -लिखने जिम जाने की उम्र है, उसके मुँह से इस प्रकार किसी को व्यक्तिगत चैलेंज करना गलत है। जब वो धीरे धीरे लोकतांत्रिक गतिविधियों में समय बिताएंगे तब उन्हें अकल आएगी। भव्य बिश्नोई और कुलदीप बिश्नोई तो अपने पिता स्वर्गीय भजनलाल का कमाया हुआ खा रहे है, उनकी खुद की क्या पहचान है।
कौन जानता है भव्य बिश्नोई को ?

कुलदीप बिश्नोई तो अपने क्षेत्र के लोगो के लिए भी काम नहीं कर पाए है , उनके उदासीनता के फलस्वरूप विकास कार्यो का ग्रांट भी वापस जा चूका है। उन्होंने तो पार्टी का आधार तक ख़त्म कर दिया। ऐसे में भव्य बिश्नोई क्या कर लेंगे ? उनको तो कोई जनता भी नहीं। वो सांसद दुष्यंत चौटाला को चुनौती दे रहे है, जबकि दुष्यंत के सामने वो गिनती में भी नहीं है।
दुष्यंत अगर सांसद बन है तो भव्य क्यों नहीं

जब दुष्यंत चुनाव जीते थे तब वो भी युवा थे , मगर फिर भी वह चुनाव जीतकर दिल्ली में ट्रैक्टर चलाकर, उस पर उन्होंने कर माफ करवाया। ठीक उसी प्रकार भव्य भी युवा है, वह भी बदलाव कर सकते है।