लाचार, जरूरतमंद व असहायों को नि:शुल्क भोजन उपलब्ध करवाता है रोटी बैंक
Today News | हिसार – चण्डीगढ़
लाचार, असहायों व जरूरमंदों के रोटी बैंक संचालकों ने रोटी बैंक की 11वीं शाखा जीएमसीएच सैक्टर 32 चंडीगढ़ में खोली। रोटी बैंक के संचालक बलविंद्र सिंह नैन ने बताया कि चंडीगढ़ में रोटी बैंक को 1 अक्टूबर से प्रारंभ किया गया। प्रांरभ में 250 से 300 लोगों तक के भोजन की व्यवस्था की जा रही है। इसके अलावा एक टीम द्वारा सैक्टरों में घूम-घूम कर यह प्रचार भी किया जाएगा कि किसी पार्टी, शादी व किसी समारोह में खाना बचता है तो वह बेकार न जाए उसे रोटी बैंक को दिया जाए ताकि वे उसे आगे जरूरतमंदों में बांट सकें। बलविंद्र नैन ने बताया कि शीघ्र ही दिल्ली में इसकी शाखा और खोली जाएगी। आमतौर पर सरकारी और प्राइवेट बैंकों के बारे में हर कोई जानता है। मगर शहर में एक बैंक और भी है, जिसका नाम है रोटी बैंक। इस रोटी बैंक में सुबह और शाम दोनों वक्त असहाय लोगों को खाना खिलाया जाता है।
असल में शादी समारोह में बचे हुए खाने को लेकर एक दिन बलविंद्र नैन रेलवे स्टेशन पर असहाय लोगों को देने के लिए गए। जहां खाना खत्म हो गया मगर पेट भरने के इंतजार में कुछ लोग देखते ही रह गए। बलविंद्र ने रेलवे स्टेशन पर ही एक स्टॉल संचालक को उन लोगों को खाना खिलाने के लिए कहा। उसी दिन से बलविंद्र ने शहर में असहाय लोगों को खाना खिलाने की ठान ली और रोटी बैंक के नाम से एक संस्था का निर्माण किया। बलविंद्र नैन ने इस रोटी बैंक की शुरूआत 9 सितम्बर 2016 से की। हालांकि वह वर्ष 2005 से कावडिय़ों तथा पैदल यात्रियों के लिए लंगर लगाते रहे हैं। भीषण गर्मी के दिनों में उन्होंने निशुल्क जलसेवा का अभियान चलाया है। मौजूदा समय की बात करें तो प्रदेश के 9 शहरों में रोटी बैंक चल रहा है जिसमें रोजाना तकरीबन 10 हजार लोग खाना खाते है।
मूलरूप से गांव दनोदा खुर्द निवासी बलविंद्र बताते है कि ऐसे तो हर व्यक्ति सामाजिक कार्य से जुड़ा रहता है। मगर किसी भी भूखे इंसान को अगर दो वक्त का खाना मिल जाए तो इससे बड़ा दूसरा कोई धर्म या कर्म नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से हम अपने घर में पहली रोटी गाय की निकालते है उसी तरह से अगर दूसरी रोटी को रोटी बैंक के लिए निकाले तो इसमें कई असहाय लोगों का पेट भरा जा सकता है।
उन्होंने कहा कि हाल ही में केरल में भयंकर बाढ़ आई थी जिसके लिए रोटी बैंक संस्था की ओर राहत सामग्री भी भेजी गई। उन्होंने बताया कि रोटी बैंक के साथ-साथ उन्होंने दर्जनभर से ज्यादा लोगों को स्वरोजगार मुहैया करवाने में मदद भी की हैं। जिसमें वह ऐसे लोगों को रोजगार शुरु करवाने में मदद करते है, जो मेहनत करना चाहते है। उन्होंने कहा कि हिसार में कुछ लोगों को चाय की स्टॉल शुरु करवाई है। रोटी और रोजगार के अलावा वह असहाय लोगों के लिए दवाइयां मुहैया करवाते रहे है। इसी कड़ी में उनकी संस्था के द्वारा कई बार मैडिकल कैंप का आयोजन किया जा चुका है। जिसमें नहीं केवल असहाय लोगों की मैडिकल जांच करवाई बल्कि उन्हें दवाई भी मुहैया करवाई गई। बलविंद्र कहते है कि युवाओं को अपने कैरियर के साथ-साथ समाज सेवा की तरफ भी ध्यान देना चाहिए। क्योंकि जब हमारा युवाओं को समाज की जमीनी हकीकत के बारे में जानकारी नहीं होगी तब तक वह इस दिशा में नहीं सोचेंगे। उन्होंने कहा कि समाज सेवा के कार्य करने से वह गलत संगत में नहीं जाएंगे, जिससे एक समृद्व समाज का निर्माण होगा।
बलविंद्र नैन ने बताया हिसार में रोटी बैंक बाहर एक चिकित्सक भी नियुक्त किया गया है जो प्राथमिक उपचार करके दवाइयां दी जाती हैं। इसके अलावा हर सप्ताह एक सैलून वाले की सेवाएं भी ली जाती हैं जो असहाय लोगों के बालों की कटिंग व शेव करते हैं ताकि वह भी अपनी साफ-सफाई अच्छे से रख सकें।नैन ने बताया कि समाज सेवा के इस कार्य में प्रशासन का सहयोग रहता है बिना प्रशासन के सहयोग के सब संभव नहीं होता। उन्होंने बताया कि शीघ्र ही रोटी बैंक की 12वीं शाखा दिल्ली पीरागढ़ी के आस-पास बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि जिस तरह हम पहली रोटी गाय माता के लिए बनाते हैं उसी तरह दूसरी रोटी रोटी बैंक के लिए हो।
चित्र सहित।