
Archana Tripathi,Hisar Today
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात से प्रभावित होकर सिस्टम में नाखुश समाजसेवी कृष्ण कुमार लगातार 2 सालो से सीएम विंडो से लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के कार्यालय और दफतर के अनेको चक्कर काट चुके है। बावजूद इसलिए भ्रष्ट अफसरों की शिकायत लेके पहुंचे समाजसेवी कृष्ण कुमार को जगह धक्के खाने पड़े। हिसार के अनेको विकासशील परियोजनाओं में सरकारी अधिकारी कैसे जनता के पैसों को चुना लगाते है और कैसे घटिया दर्जे के विकासशील कार्यो को अंजाम देते है। इसी का खुलासा और ऐसे ही भ्रष्ट अफसरों की शिकायत के लिए उन्होंने 2016 को सीएम विंडो में दरख्वास्त लगाई थी। वहा पर उनकी शिकायत का कोई निराकरण नहीं हुआ। उसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री के दफतर के चक्कर काटे थे। तब भी वहा मौजूद अधिकारियों ने उन्हें मिलने नहीं दिया। फिर उन्होंने मुख्यमंत्री आवास में जाकर मिलने की कोशिश की वहां भी उन्हें धक्के खाने पड़े। इस घटना ने उनके सामने यह बात साबित कर दी की भले ही ईमानदार छवि के धनी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हों या मुख्यमनत्री मनोहर लाल खट्टर, मगर जब बात आए भ्रष्ट अधिकारियों के पोल-खोल की तो यही अधिकारी उन्हें ऊपरी स्तर तक पहुंचने नहीं देते।
दरहसल मरला कॉलोनी, पटेल नगर के रहने वाले कृष्ण कुमार का आरोप है की 23 दिसंबर 2015 को उसकी वृद्ध मां भागवंती के साथ 2 लोगो ने मारपीट की थी, तुरंत वारदात के बाद मौके पर पुलिस की पीसीआर पहुंची और वह थाने में वृद्ध महिला समेत उनके साथ हाथापाई करने वाले 2 युवकों को ले आई। थाने पहंुचने के बाद पुलिस ने महिला का मेडिकल न करवाकर घंटो थाने में रखा था। जब पुलिस की इन हरकतों का उनके छोटे बेटे कृष्ण कुमार ने विरोध किया तो पुलिस ने उन्हें ही कुछ घंटो के लिए ठाणे बंद कर दिया। जबकि दोषी दोनों युवको को छोड़ दिया। जब पुलिस की ऐसी हरकत समाजसेवी कृष्ण कुमार ने देखी तो वह हरकत में आये। उन्होंने इन भर्ष्ट अफसरों की शिकायत करने के लिए सीएम विंडो का सहारा लिया। मगर उनकी दरख्वास्त यह कहकर बंद कर दी गयी की 23 दिसंबर 2015 को कोई भी शिकायत नहीं की गयी और न ही पुलिस ने कोई जयादती की। उसके बाद से भ्रष्ट सिस्टम के खिलाफ कृष्ण कुमार ने अपनी जंग जारी रख दी।
कृष्ण कुमार का आरोप था की आज हिसार में अनेको विभागों में व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार निहित है। हर विकासशील कार्यो पर अधिकारी जनता के पैसे लुटा कर घटिया दर्जे का काम कर रहे हंै। हिसार में कुछ काले कानून है, आम जनता की बात मुख्यमंत्री तक नहीं पहुंचती इन्ही सब मुद्दों के लिए वह उनसे मिलना चाहते है। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री से 5 मिनट का समय मांगा है।
जांच के बिना बंद कर दी जाती है शिकायत
जांच के बिना बंद कर दी जाती है शिकायत
मैंने हिसार में फैले भर्ष्टाचार के खिलाफ CM विंडो में दरख्वास्त लगाई , मगर मेरी शिकायत वहाँ नहीं ली गयी। यहाँ के अधिकारी भ्रष्टाचार से जुडी शिकायते नहीं लेते।
कृष्ण कुमार (समाजसेवी)
सीएम 15 दिन में एक बार सीधे जनता से करे संपर्क
कृष्ण कुमार ने मांग की है की २०१५ से अब तक 3 साल की इस जंग के बाद उन्हें यह बात समझ आयी है की, अगर शहर
का विकास और भ्रष्टाचार का खात्मा होते देखना है तो मुख्यमंत्री को १५ दिनों में एक बार ऑनलाइन फ़ोन के जरिये जनता से सीधे बात करनी चाहिए , तभी अधिकारियों को डर रहेगा और भ्रष्टाचार रुकेगा।