पिछले चुनावों में कांग्रेस के खिलाफ चली हवा और भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर कांग्रेस के खिलाफ चुनाव में उतरने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी हरियाणा टीम ने हरियाणा में अप्रत्याशित नतीजे लाकर सभी को चौंका दिया था। मोदी हवा की लहर में बड़े से बड़े धुरंदर और सुरमा तिनके के पत्तो के भांति उड़ गए और हरियाणा में पहली बार भाजपा ने अपना परचम फहराया। मगर इस बार हरियाणा में 2019 की राह भाजपा के लिए काफी परेशानियों का सबब बन सकती हैं। क्यूंकि एक तरफ केंद्र में राफेल सौदा मोदी सरकार के गले की फांस बन चुका है, जबकि हरियाणा में भाजपा में ही भाजपा नेताओं की बगावत, जाटों की नाराजगी, जीएसटी और नोटबंदी, महंगाई, कार्यकर्ताओं में नाराजगी, बलात्कार की बढ़ती घटनाओं के कारण बिगड़ती कानून व्यवस्था पर लगे सवाल, डेरा सच्चा सौदा प्रकरण, रामपाल प्रकरण न जाने ऐसे कितने मुद्दों की फेहरिस्त है जिसके लिए 2019 चुनाव भाजपा के लिए आसान बिलकुल नहीं हैं।
ऐसे में पार्टी हाईकमान और नेता लगातार हरियाणा में विभिन्न विकासशील कार्यों के उद्घाटनों के दौर में व्यस्त है। शायद उन्हें यह लग रहा हो कि अगर काम हुआ तो शायद वोट भी मिल जाए। मगर हरियाणा की राजनीति जितनी सीधी दिखती है उतनी है नहीं। यही कारण है कि भाजपा हरियाणा के प्रभारी अनिल जैन आजकल लोकसभा मिशन 2019 के तहत हरियाणा में विभिन्न लोकसभा क्षेत्रों में जाकर वहां का तापमान चैक करने के लिए आए हुए हैं व साथ ही लोकसभा के लिए योग्य उम्मीदवारों का भी आंकलन किया जा रहा है। हाल ही में थापली (मोरनी) में हुए शिविर में भी भाजपा प्रांतीय संगठन में इसकी चर्चा हुई कि योग्य उम्मीदवारों को परखा जाए। गौरतलब है कि भाजपा सांसद राजकुमार सैनी ने भाजपा के शीर्ष नेताओं और मख्यमंत्री मनोहर लाल खटटर से नाराजगी जाहिर करते हुए अपनी अलग पार्टी बना चुके हैं।
दूसरी तरफ भिवानी-महेंद्रगढ़ से सांसद धर्मवीर विधानसभा की टिकट पर चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर कर चुके हैं। सोनीपत से सांसद रमेश कौशिक की रुचि भी विधानसभा की तरफ ज्यादा नजर आ रही है। ऐसे में भाजपा के 7 सांसदों में से 3 सांसद पहले ही मैदान छोड़ चुके हैं। ऐसे में भाजपा के सामने लोकसभा चुनाव के पूर्व योग्य उम्मीदवार के खोज की बहुत बड़ी जिम्मेदारी हैं। भाजपा को ऐसा उम्मीदवार चाहिए जिसका अपना जनाधार भी हो और क्षेत्र में छवि भी अच्छी हो और ऐसा उम्मीदवार हो जो मनोहर लाल खट्टर के साथ तालमेल बिठाकर चल सके। इसी जद्दोजहद के बीच चर्चा यह भी है कि भाजपा आगामी लोकसभा व विधानसभा चुनावों में मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर के साथ तालमेल रख कर चलने वाले लोकसभा व विधानसभा उम्मीदवारों को उतारने के मूड में है। कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि अभी फिलहाल भाजपा 7 में से 5 सांसदों के चेहरों को बदलने के मूड में है।
अपनी इसी रणनीति के तहत हाल ही में भारतीय जनता पार्टी की हरियाणा इकाई के लिए लोकसभा प्रभारी, जिला प्रभारी एवं 3 नए प्रकोष्ठों के प्रदेश संयोजकों की घोषणा की गई है। इसी प्रकार, प्रदेश के सभी 22 जिलों के लिए जिला प्रभारी भी नियुक्त किए गए हैं। वैसे सूत्रों का यह भी मानना है कि केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत की कार्यप्रणाली व मुख्यमंत्री पर दिए जा रहे बयानों को भी पार्टी आंकलित कर रही है। ऐसी स्थिति में उनकी जगह राम बिलास शर्मा को भी सांसद के तौर पर भाजपा द्वारा आजमाया जा सकता है। इन दिनों अनिल जैन भाजपा कार्यकर्ताओं का भी फीडबैक ले रहे हैं। क्यूंकि अनिल जैन को पता है कि भाजपा के लिए चुनाव जीतना आसान तभी होगा जब कार्यकर्ता खुश रहकर काम करेंगे। अनिल जैन इन दिनों जगह जगह पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठकें लेकर रणनीति तैयार कर रहे है। क्योंकि 2019 चुनाव में पार्टी सभी 10 सीटों में अपना उम्मीदवार उतारेगी। ऐसे में इस बार सांसद चुनाव में वह उन प्रत्याशियों को उतारने के मूड में है जो उनके हिसाब से विजयी होने वाले उम्मीदवार हों।